Pizza खाकर जो मै मोटा हुआ
सूखी रोटी जो खाया मज़ा आ गया
करोडों में नहाकर और गंदा हुआ
चवन्नी जो पाया मज़ा आ गया
श्याम - सुदामा बिछड़े सालों गए बीत
आया सुदामा द्वारका, श्याम के चेहरे पर आया स्मित
कोई सोना - चांदी वह लाया नहीं
चावल की पुड़िया जो लाया मज़ा आ गया
बेटा गया disco में, बजाए खतरनाक गाने
बोला थोड़ा धीरे बजाओ, पर डीजे भैया नहीं माने
Disco के शोर से उसे सिरदर्द हुआ
मां ने लोरी जो गाया मज़ा आ गया
मज़ा आ गया
Soham Chauhan
(C) All Rights Reserved. Poem Submitted on 06/29/2019
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