Who is Mohammed Irfan
इंसान ना हक है कि जमाना क्या समझता है ।। ए इंसान खुद को भूल गया ,अब ओरो को क्या समझता है। के इख्लाक़ के अच्छे भले थे और रहेंगे । हम बदले है तेरी सोच से ,हमे बुरा क्यों समझता है ।। तेरे ही शहर मै बैठे है मंदिरों ,मस्जिदों के बाहर । तू फल ,फूल दे गया अन्दर , यहां भूखे का पेट भरा है यह क्यों समझता है ।। खून मै भी ए मो�...Read Full Biography of Mohammed Irfan