अकेले दुनिया मे आया है, अकेले ही जायगा||
किसी को कितना ही अपना बना ले पर कोई ना बन पायगा|
सबके साथ चलने वाला बाद मे अकेला ही नज़र आयगा
अकेले दुनिया मे आया है, अकेले ही जायगा||
मत्लबी दुनिया मे दिल से बात करने वाला कहां से लायगा|
कांच के समान होता है दिल कभी भी टूट जायगा|
अकेले दुनिया मे आया है, अकेले ही जायगा||
पहले दिन हाथ थाम ले अगले दिन ही छुट जायगा|
ये दुनिया है बॉस वादा हर कोई नही निभायगा|
अकेले दुनिया मे आया है, अकेले ही जायगा||
ईश्वर ही है जो नीस्वार्थ भाव से राह दिखायगा|
ज़िन्दगी मे उड़ान भरना वही सिखायग|
अकेले दुनिया मे आया है, अकेले ही जायगा||
मत कर गम किसी के ना होने का तु अकेला ही सब करजायगा|
किसी का मोहताज हो गया तो काबिल कैसे बनपायगा|
अकेले दुनिया मे आया है, अकेले ही जायगा||
हिम्मत ओर लगन से अन्धेरी ज़िन्द्गी में भी उजाला होजायगा|
तु कोशिश तो कर तुझे कौन रोक पायगा|
अकेले दुनिया मे आया है, अकेले ही जायगा||
ज़िन्दगी का यही दस्तूर है, क्या लाये थे जो रेहजायगा|
अकेले दुनिया मे आया है, अकेले ही जायगा||
अकेले दुनिया मे आया है, अकेले ही जायगा||
अकेले दुनिया मे आया है, अकेले ही जायगा।
Depanshi Mittal
(C) All Rights Reserved. Poem Submitted on 05/19/2019
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